Sunday 4 March 2012


राह में अंधेरा है दीप तू जलाता जा,प्रेम के दीवानों को रोशनी दिखाता जा।
खिलता है प्रेम पद्म दुःख के दरिया में,दर्द भरा है गहरा प्रीत की बदरिया में।।
बिछङे हुये जो राह संग तू मिलाता जा.प्रेम के.............।।1।।
शक में ना नाश कर जिन्दगी तू बाबरे,भले ही भरोसे में उलट जाये घाव रे। 
टूटे हुए दिल को तू  दिलासा दिलाता जा,प्रेम के............।।2।।
बदरंग हुए है लोग बदली हैं भावना,वन में भी मिलती अब बरगदों की छांव ना।
लाना ना निराशा तू प्रेम पट सिलाता जा।प्रेम के..............।।3।।                                                         जलता जमाना सब बदलेकी आग में,खुशियों के राग भूल रोता क्यों तू फागमें।
प्यास बङी गहरी है,प्रेमरस पिलाता जा।प्रेम के..................।।4।।
जिंदगी अधूरी है बिना प्रेम रंग के,पूर्ण हुआ कौन यहां बिना प्रेम सग के।
रोप के तू प्रेम वृक्ष खिलता खिलाता जा।प्रेम के.............।।5।।
जीवन तो चलना है रुकना ही मौत है,प्रेम रसधार प्यारे प्रेम नयी जोत है।
रुकना ना त्र्यम्बक सुन चलता चलाता जा।प्रेम के.........।।6।।

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