कहां तुम छिपे हो दिखाके
झलक,कहो तो पिया हम मरें कब तलक।
भरोसे तुम्हारे ये जीवन
मेरा,रहूं अब कहां छोङ दर ये तेरा।
तरसते ये नैना न गिरते
पलक।कहो तो...........।।1।।
तुमने सौ बार हमसे ये
वादे किये,और मिलने के छिपछिप इरादे किये।
न तो खुद तुम मिले,न
मिलन की ललक।कहो तो...........।।2।।
मैने संसार छोङा था तेरे
लिये,तुमको साथी चुना सात फेरे लिये।
ग्रन्थि बन्धन किया किया
था तिलक।कहो तो.............।।3।।
बना ही लिया तेरी वंशी
ने मन,वश हूं तेरे तू ही जीवन का धन।
हो गया तन पुलक ये लटकती
अलक।कहो तो...........।।4।।
आज त्र्यम्बक भी खुश हो
गया है तेरा,सांवरे मन चुराया जो तुमने मेरा।
खिल उठा आज फिर हृदय का
फलक।कहो तो................।।5।।
No comments:
Post a Comment