Thursday 1 March 2012

जन जागृति महानुष्ठान


आज जब पूरे भारतवर्ष में चारों ओर त्राहि त्राहि मची है।निराशा का घनघोर अन्धकार टिमटिमाती जीवन ज्योति को अपनी क्रूर चेष्टाओं से हतोत्साहित कर नष्ट कर देना चाहता है।तब अपने तुच्छ स्वार्थों को परमार्थ रूप यज्ञाग्नि में भस्म करके(स्वार्थ को सर्वार्थ में विलीन करके)समाज के लिये  कुछ करने का सत्संकल्प एवं सद्भाव मन में रखने वाले उन युवाओं का हम आवाहन करते है।जिनके हृदय में राष्ट्र्प्रेम का भाव समुद्र हिलोरें मारता हो।जिनकी दृष्टि में राजभक्ति की अपेक्षा राष्ट्रभक्ति सर्वोपरि वन्दनीय हो।जिन्हें संसार के जंजाल से अनजान अजन्मा निरपराध बच्चियों की भ्रूणहत्या के          जघन्य पाप का काला कलंक पीङा पहुँचाता हो,वात्सल्यमयी गौमाता की दुर्दशा जिनके हृदय को व्यथित कर जाती हो,जो गौ रक्षा को अपनी अस्मिता की रक्षा मानते हो,जिन्हें पर्यावरण संरक्षण (नदियों की पवित्रता एवं वृक्षों की सुरक्षा) के प्रति अपने दायित्व का बोध हो,जो अनाथों,असहायों, दुर्बलों,निर्धनों,विकलांगों के प्रति आदर भाव रखकर सहयोग की इच्छा रखते हो,जिन्हें अत्याचार एवं भ्रष्टाचार के घने अंधेरे को मिटाने के लिए दीपक की भांति जलना मन्जूर हो,जिनकी कथनी और करनी में यथा संभव समानता हो।एसे ओजस्वी, निर्लोभी,निर्भय, निरालस्य,स्वाबलम्बी नवयुवक आगे  आये। हम सब मिलकर स्वार्थ से सर्वार्थ की  ओर वढे क्योंकि विविध इकाईयों का समूह ही समाज होता है।अतः समाज के सर्वविध अभ्युत्थान के लिए प्रत्येक व्यक्ति को संकारित होना चाहिए।इस प्रकार सम्पूर्ण राष्ट्र संस्कारित, दिव्य,भव्य एवं वंदनीय होगा ।                                                   हम चाहते हैं गौ हत्या एवं भ्रूणहत्या के विरुद्ध सत्यवादी वृद्धजनों के आशीर्वादों से संपोषित,सच्चरित्र अनुभवी प्रौढों द्वारा सम्प्रेरित एवं नियन्त्रित,राष्ट्रभक्ति संपन्न उत्साही विवेकशील युवाओं की निःसीम शक्ति का एक अपूर्व संगठन।

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