Thursday 3 May 2012


1-कन्या राशि गतःशश्वत्,नित्य वक्री च कोप दृक्।                                                           माता नास्ति ग्रहो नास्ति,कोस्ति पश्यतु बन्धुवर।।                              हमेशा कन्या राशि में ही रहे,वक्री और कोप दृष्टि के साथ रहे,न तो ग्रह है न माता है,विचार करो बन्धुवर कौन है वह,  उत्तरः-जामाता (कन्या राशिगतो नित्यः जामाता दशमो गृहः)
2-द्विजिह्वोपि न सर्पो यः,पंचाननो न शंकरः।                                         समस्त शास्त्र संसृष्टा,हलो न लेखने रतः।।                                           दो जीव वाला है पर सर्प नहीं,पंचानन जैसा है पर शंकर नहीं,समस्त शास्त्रों का प्रणयन करता है,लेखन में लगा पर हल नहीं।उत्तरः-लेखनी।।
3-पालको न पिता यो हि,फलप्रदो न हीश्वरः।                                       पुष्पवन्तो न कामः सः,परमार्थी न मानवः।।                                   पालन करता है पर पिता नहीं,फल देता है पर भगवान् नहीं,पुष्प संपन्न है पर कामदेव नहीं,परोपकार करता है पर मानव नहीं है।।उत्तरः-वृक्ष
4-सुस्थिरोपि सदाचारी,सक्रियोपि च निष्क्रियः।                                ब्रह्मा नास्ति नरो नास्ति,सृष्टि कर्ता तथापि सः।।
एक स्थान पर स्थिर रहने पर भी सदा चलने वाला,सक्रिय होने पर भी क्रिया रहित,(क्रिया का कारकत्व तो कर्ता में सिद्ध होता है)ब्रह्मा नहीं नर भी नहीं है,फिर भी सृष्टि करता है।।उत्तरः-कुम्भकार का चाक्
5-निर्जीवोपि वदत्येषा,परतन्त्रा पराङ्मुखा।
संप्रेरयति सर्वान् वै,कैषा वदतु चिन्तयन्।।
निर्जीव होने पर भी बोलती है,परतन्त्र है,और पराङ्मुख है,(अपने लिये नहीं इसका बोलना मात्र औरों के लिये है)परन्तु सभी को प्रेरित करती है,विचार करके बताओ ये क्या है,उत्तरः-घण्टिका
6-जीवनं चलनं यस्याः,पदमेकं न गच्छति।
सदा क्वणति गंभीरा,कैषास्ति वद सत्वरम्।।
चलना ही जिसका जीवन है परन्तु एक कदम भी जो चलती नहीं,
निरंतर गंभीरता से बजती रहती है,वह क्या है,जल्दी बताओ।।
7वदति वसन्ते तदपि न सन्तः,
मधुरं मधुरं गानं तस्याः।
का ननु चैषा कृष्ण स्वरूपा,
वदतु महोदय मनसि विचिन्त्य।।
सन्त नहीं है फिर भी वसन्त में बोलती है,
अतिमधुर गान प्रवीणा,कृष्ण वर्ण वाली,कौन है बन्धु विचार करके बताओ..।।उत्तर....कोयल
8-मलं भुनक्ति लोभात् यः,एक दृष्ट्या च पश्यति।
वाण्या क्रूरःक्रियाभिश्च,वदत्वं कोस्ति भूतले।।
लोभवश मल खाने वाला,एक दृष्टि से देखने वाला,वाणी और क्रियाओं से क्रूर,भूतल पर ऐसा कौन है बताओ।।।।।।।उत्तर....काकः।
9श्रणोति कर्णहीनोपि,पाद हीनोपि गच्छति।
न ब्रह्म न च देवोस्ति,भयदोपि बिभेति यः।।
10-मित्रं सर्वोत्तमं लोके,सर्वदा सुख दायकम्।
मौनं बदति सत्यं यत्,अजीवं तत् वदाधुना।।
लोक में सर्वोत्तम मित्र,सदा सुख देने वाला,मौन रहकर ही सत्य का प्रतिपादन करने वाला,वो अचेतन प्राणी कौन है आप बतायें....उत्तर--पुस्तकम् 

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